रैबार

Tuesday 17 July 2012

त्यारि नजरों मा tyari najron ma
















तीरि  नजरों मा मीरू  क्वी  मोल हो या न हो

            पर  कैकि  ज्यू  जान  छों  मै

मेरा  खातिर  छोड़ी  य़ाळी जौंन अपणी धरती

           ओं अपडों कु असमान  छों  मै

द्याड़ी मजदुरी कैकि मैतेन स्कुल पढाई लिखाई

         ब्वै-बाबाजी अख्यों ज्ञान छों मै

बरसों  बिटि  मेरा  ओणा आस मा जाग कना

         अपड़ा गौं मुल्कै की सान छों मै

तन अर मन लगै भुख तीस त्यागि रख्वलि करि

          दादा  की डोखरयों धान छों मै

दुख नि दैख्या अपडा कभि मेरा  सुख का खतिर

         ओं  का  सुखों की  खान  छों  मै

तीरि नजरों  मा  म्यारू क्वी  मान हो या न  हो

         पर  कैकी नजरों अरमान छों मै
                                                 
           प्रभात सेमवाल ( अजाण ) सर्वाधिकार सुरक्षित