रैबार

Thursday 21 May 2015

बेटी हुंदी बिराणी





















मन छ उदास ओणु आंख्युमा पाणी
जाणी ग्यों आज मै जाणी
बिटी हुंदी बिराणी बेटी हुंदी बिराणी


जा बिटी जा तू सैसर अपड़ा 
खुश सबु दगड़ी रै 
ब्वै बाबू जन सेवा लाड़ी 
सै सौरों कि भी कै 
याद जु मैताकि आली लाड़ी 
आँसु नि बगाणी 
जाणी ग्यों आज मै जाणी 
बेटी हुंदी बिराणी बेटी हुंदी बिराणी

ब्याई तलक हमारी छाई 
आज चलिगै सैसर 
ये गौं गुठ्यार छुड़ि लाड़ी 
चलिगै दूर मुलुक 
दूर मुलुक नि अयैन्दु लाड़ी 
आँखि बाटु खुजाणी 
जाणी ग्यों आज मै जाणी 
बिटी हुंदी बिराणी बेटी हुंदी बिराणी

तीरी याद हे म्यारी लाड़ी
मैतें छक्वेक रुळाणी 
अब नि करद क्वी काम काज 
अब नि ल्युंदु क्वी पाणी 
यकुलि ल्युंदु मै घास लखड़ा 
यकुलि काम धाणी 
जाणी ग्यों आज मै जाणी 
बिटी हुंदी बिराणी बेटी हुंदी बिराणी

अब कु बांधलु मीरी जिकुड़ी 
थ्वड़ा सी भी धीर 
आंखी द्यखणि हे मीरी लाड़ी 
कब आलि बोड़ी तु फीर 
बिटी विवाणा की पीड़ा भै लाड़ी 
आज मैन पछाणी 
जाणी ग्यों आज मै जाणी 
बेटी हुंदी बिराणी बेटी हुंदी बिराणी

बिटी की पीड़ा ब्वै हि जणद 
और नि जाणदु क्वी 
बिटी की पीड़ा ब्वै ही सतान्दी 
और नि सतान्दी कै 
बिटी विवाण बाद  मैतें 
बिटी तु बौत याद आणी 
जाणी ग्यों आज मै जाणी 
बेटी हुंदी बिराणी बेटी हुंदी बिराणी

                           प्रभात सेमवाल (अजाण )सर्वाधिकार सुरक्षित